कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव से पहले सरकार कई लुभावनी सरकारी योजनाएं चला रही है. ऐसी ही एक योजना राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को लुभाने के लिए शुरू की गई थी, जिसका नाम इंदिरा गांधी फ्री स्मार्ट फोन योजना है. इस योजना के तहत राजस्थान सरकार द्वारा महिलाओं को फ्री स्माटफोन वितरण किए जा रहे हैं. लेकिन अब यही योजना सरकार पर उल्टी पड़ गई है.
बता दें कि राजस्थान सरकार द्वारा फ्री स्मार्टफोन के साथ 3 साल तक की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ एक सिम कार्ड भी दी जा रही है. सरकार ने सिम के लिए वोडाफोन आइडिया VI टेलीकॉम कंपनी के साथ समझौता किया है. लेकिन राजस्थान में अधिकतर क्षेत्रों में VI के टावर उपलब्ध नहीं है. ऐसे में महिलाओं को दिए गए स्मार्टफोन बिना नेटवर्क के एक खिलौना बन कर रह गए हैं. इस समस्या को लेकर महिलाएं योजना पर आक्रोश जता रही है. महिलाओं का कहना है कि फ्री मोबाइल देने का कोई औचित्य नहीं निकलता है, जब तक मोबाइल में टावर ही नहीं आते हैं. ऐसे में मोबाइल हमारे किस काम का है.
महिलाओं को नहीं मिल रहे टावर
गहलोत सरकार द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी हेतु जनता को लुभाने के लिए इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत राज्य में महिलाओं को 10 अगस्त 2023 को विभिन्न स्थानों पर कैंप लगाकर पात्र महिलाओं को स्मार्टफोन वितरण किए गए. लेकिन फिलहाल में राजस्थान के टोंक जिले की पीपलू कस्बे में फ्री मोबाइल वितरण किए गए. जिसके साथ वोडाफोन आइडिया वीआई की सिम दी गई, लेकिन उस क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क/टावर ही उपलब्ध नहीं है. जिसके चलते पिछले कुछ दिनों से दिया गया मोबाइल खिलौना बन कर रह गया है. बता दे कि मोबाइल में सिम लगा कर दी गई थी, जिसमें 9 महीने का इंटरनेट डाटा फ्री कॉलिंग दी गई थी, लेकिन मोबाइल में लगी हुई वोडाफोन आइडिया VI की सिम की टावर गायब हो रहे हैं.
महिलाओं ने जताई नाराजगी
इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के लाभार्थी महिलाएं इस योजना को लेकर नाराजगी जता रही है. महिलाओं का कहना है कि ऐसी योजना का क्या फायदा, जिसका लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा. महिलाओं को निशुल्क मोबाइल तो मिला लेकिन मोबाइल में लगी सिम मैं टावर ही नहीं आ रहे. सरकार द्वारा मिल रही अनलिमिटेड कॉलिंग और इंटरनेट की सुविधाओं का लाभ भी नहीं ले पा रहे. ऐसे में लाभार्थियों को मोबाइल का कोई लाभ नहीं मिल रहा है.