Fasal Bima Yojana : दोस्तों मध्य प्रदेश समेत भारत के बहुत से राज्यों में ओलावृष्टि होने के कारण बहुत सारे किसानों की गेहूं, चना व अन्य रबी की फसलों को भारी क्षति पहुंची है। ऐसे में हमारे बहुत से किसान भाइयों को सरकार की “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” के बारे में नहीं पता होगा। सरकार की इस योजना के तहत किसान भाई अपनी बर्बाद फसल का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत तौर पर बीमा क्लेम कर सकते हैं।
इस योजना का फायदा लेने के लिए या फिर बीमा क्लेम करने के लिए आपको सरकार में बहुत सी शर्तों का पालन करना होगा. अगर हम इसके बारे में अधिक बात करें तो सरकार की इस योजना के तहत किसानों को दो प्रकार की बीमा धनराशि दी जाती है सबसे पहली आपके क्षेत्र के पटवारी द्वारा ओलावृष्टि या अन्य प्राकृतिक आपदा में होने वाले नुकसान की भरपाई राजस्व विभाग द्वारा सर्वे के अनुसार की जाती है।
अगर हम दूसरे तरीके की बात करें तो अगर आपके गांव में प्रत्येक व्यक्ति की फसल अच्छी है और ओलावृष्टि से आप की फसल को नुकसान हुआ है तो आपको भी अपनी खराब हुई फसल पर बीमा की धनराशि मिल सकती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को बीमा कंपनी को 72 घंटे के अंदर ओलावृष्टि से हुए नुकसान की सूचना देने अनिवार्य होती है इसके बारे में और अधिक जानने के लिए हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
फसल बीमा के बिना नहीं कर सकेंगे क्लेम
हम आपको बता दें कि सरकार की इस योजना का लाभ आप तभी ले सकते हैं जब आपने अपनी फसल का बीमा कराया हुआ है अगर आप की फसल का बीमा नहीं है तो आप सरकार की इस योजना का लाभ नहीं ले सकते यदि आपने अपनी फसल का बीमा किया है तो आपको फसल खराब होने के कारण को ओलावृष्टि ही बताना है।
इसके पश्चात बीमा कंपनी के द्वारा 7 दिन के अंदर किसानों की खराब हुई फसल का सर्वे किया जाता है और लगभग इसके 15 दिन बाद बीमा की धनराशि को निर्धारित करके 21 दिनों के अंदर बीमा कंपनी के द्वारा किसानों को बीमा का भुगतान कर दिया जाता है।
साक्ष्य के तौर पर इन चीजों को कर सकते हैं प्रस्तुत
अगर आप की फसल खराब हो गई है तो आप इसके साक्ष्य के तौर पर अपने क्षेत्र के अखबार की खबर को काटकर व अपनी फसल का एक फोटो खींचकर साक्ष्य के तौर पर बीमा कंपनी को दे सकते हैं आपको आवेदन करने के समय अपनी बीमा प्रीमियम की राशि, बैंक खाता नंबर,खसरा नंबर वह अपने आधार कार्ड की फोटो कॉपी को भी आवेदन के साथ देना चाहिए। इस आवेदन को आपको बीमा कंपनी के साथ-साथ अपनी बैंक,कृषि विभाग अधिकारी और तहसील कार्यालय में भी देना चाहिए और इसकी एक रसीद अपने पास भी रख लेनी चाहिए।
ये सभी बैंक करेंगे भुगतान
सहकारी बैंक, एक्सिस बैंक, भारतीय स्टेट बैंक जैसी बैंकों के द्वारा व जिस कंपनी से किसानों ने बीमा लिया है इन दोनों के द्वारा आधी आधी धनराशि दी जाती है कुछ किसानों का बीमा की पहली लिस्ट में नंबर नहीं आया है तो वह किसान दूसरी बीमा लिस्ट के आने का इंतजार कर सकते हैं वह अपने बीमा कंपनी और नजदीकी किसान कार्यालय में जाकर भी इसके बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं। ताकि कोई भी किसान बीमा की राशि के क्लेम से वंचित न रह जाए।