भारत में ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए यूपीआई-UPI का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होने लगा है. भारत के अधिकतर नागरिक ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए UPI ID का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा समय-समय पर यूपीआई ट्रांजैक्शन पर नए नियम लाती रहती है. ऐसे में अगर आपके पास भी एक बैंक खाता है और आप डिजिटल ट्रांजेक्शन करने के लिए यूपीआई आईडी का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए यह खबर बेहद ही जरूरी है. एनपीसीआई द्वारा UPI ID का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के लिए नया नियम या गाइडलाइंस जारी की है.
दरअसल नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया-NPCI ने सभी बैंकों और ऐसे थर्ड पार्टी एप्लीकेशन प्रोवाइड्स जैसे गूगल पे, फोनपे, पेटीएम व दूसरे प्रोवाइडर्स को निर्देश जारी किए हैं. एनपीसीआई द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार ऐसे ग्राहकों की पहचान करनी है जिन्होंने पिछले 1 साल से UPI ID का इस्तेमाल नहीं किया है. ऐसे ग्राहक की यूपीआई आईडी पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं.
अगर आप भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने के लिए UPI ID का इस्तेमाल करते हैं और आप पिछले 1 साल से यूपीआई आईडी से कोई लेनदेन क्रेडिट या फिर डेबिट नहीं किए हैं, तो ऐसे में आपकी यूपीआई आईडी नए साल के बाद बंद हो जाएगी.
31 दिसंबर के बाद नहीं कर पाएंगे UPI ID से लेनदेन
एनपीसीआई द्वारा सभी बैंकों और थर्ड पार्टी सेवा प्रदाता एप्स को ऐसे UPI ID की पहचान करने को कहा है जो पिछले 1 साल से किसी भी तरह का क्रेडिट और डेबिट का लेन देन नहीं किया गया है. उन्हें 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है. एनपीसीआई के इस आदेश का एकमात्र उद्देश्य यह है कि किसी भी तरह से पैसा गलत व्यक्ति को ट्रांसफर ना हो और ना ही इसका गलत इस्तेमाल हो.
दरअसल कई बार ऐसा होता है कि जब लोग अपना मोबाइल नंबर बदलते हैं तो वह उससे जुड़े UPI ID को अलग करना भूल जाते हैं। कई दिनों तक नंबर बंद रहने की वजह से जब किसी दूसरे को वह नंबर अलॉट होता है तो UPI ID उस नंबर से पहले से ही जुड़ी रहती है। ऐसे में गलत ट्रांजेक्शन की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। बैंक UPI ID को निष्क्रीय करने से पहले यूजर्स को ईमेल या फिर मैसेज के जरिए नोटिफिकेशन भी भेजेगा।