Guru Gobind Singh Jayanti 2021: शौर्य और साहस के प्रतीक माने जाने वाले गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती इस वर्ष 20 jan 2021 को मनाई जाएगी. गुरु गोबिंद सिंह जी सिखों के दसवें धर्म-गुरु है. इसलिए गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती को सिख समुदाय द्वारा एक त्यौहार की भाती मनाया जाता है. गुरु गोबिंद सिंह जी का व्यक्तित्व इतिहास में क्रांतिकारी संत के रूप में रहा है.
Guru Gobind Singh का प्रारंभिक जीवन Birth & Family
गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी 1723 विक्रमी तिथि के अनुसार 22 दिसम्बर 1666 में पटना, बिहार में हुआ था. इनके जन्म को सिख समुदाय के लोग “गुरु गोबिंद जयंती” और “गुरु पर्व” के रूप में मानते है. बचपन में इनको गोबिंद राय नाम से भी बुलाया जाता था.
गुरु गोबिंद सिंह जी के पिता का नाम “गुरू तेग बहादुर” था. वे सिख समुदाय के 9वें गुरु थे. और गोबिंद सिंह जी की माँ का नाम “गुजरी” था. गुरु गोबिंद सिंह जी की तीन पत्नियाँ थी. पहली पत्नी का नाम माता जीतो जी था, तथा दूसरी पत्नी का नाम माता सुंदरी जी था और तीसरी पत्नी का नाम माता साहिब कौर था.
Guru Gobind Singhji के जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है.गुरु गोविंद सिंह एक महान व्यक्तित्व वाले इंसान थे. यह एक वीर यौधा, कवि और आध्यात्मिक गुरु भी रहे है.
Guru Gobind Singh कौन थे?
गुरु गोबिंद सिंह गुरू तेग बहादुर और गुजरी के पुत्र और सिख समाज के 10वें धर्म गुरु थे. उन्होंने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी, इसी में गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा वाणी –“वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह” लिखी थी. गुरु गोबिंद सिंह ने सिखों के लिए 14 बार मुगलिये सैना से लड़े थे.
गुरु गोविंद सिंह जयंती का इतिहास
अपने पिता गुरू तेग बहादुर ( सिखों के नौवें गुरु ) को मुगलों द्वारा मारे जाने के बाद बचपन में ही सिखों के दसवें धर्म गुरु की उपाधि संभालनी पड़ी. उन्होंने अपनी सेना के साथ मुगलों के अत्याकारो को रोकने के लिए उनके साथ लड़ते रहे.
गुरु गोविंद सिंह जयंती से सिख समुदाय पर प्रभाव
सिख समाज पर गुरु गोविंद सिंह जी की शिक्षाओं और योगदान का काफ़ी प्रभाव पड़ा है. उनकी रचनाओ में भी सिख समुदाय को प्रेरणा मिली है. उन्होंने सिख धर्म के लिए पवित्र ग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब को स्थायी सिख गुरु घोषित किया। साथ ही सिखों के लिए “पांच ककार” अर्थात् ‘केश’, ‘कड़ा’, ‘कृपाण’, ‘कंघा’ और ‘कच्छा’ इन 5 चीजो को खालसा सिखों को पहनना होता है.
सिख समाज किस तरह मनाता है Guru Gobind Singh Jayanti
गुरु गोविंद सिंह जयंती के अवसर पर गुरुद्वारों को भव्य रूप से सजाया जाता है. और सम्पूर्ण दिन भक्तिमय भजन कीर्तन का आयोजन किया जाता है. साथ ही उनके द्वारा लिखी कविताओ और रचनाओं को सुनते है.
इस दिन एक ख़ास तरह का भोजन तेयार किया जाता है जो सभी समाजो के लोगो को कराया जाता है.
गुरु गोबिंग सिंह जी की रचनाएं
‘जाप’ साहिब,
‘अकाल उस्तत’,
‘बिचित्र नाटक ( आत्मकथा )
‘चंडी चरित्र’,
‘शास्त्र नाम माला’,
‘अथ पख्यां चरित्र लिख्यते’,
‘ज़फ़रनामा’ और
‘खालसा महिमा’